Tuesday, January 26, 2021

महाभारत युद्ध मे संजय कौन थे

संजय महर्षि वेदव्यास जी के शिष्य थे। वे धृतराष्ट्र की राज्यसभा के सम्मानित सदस्यों में से एक थे। ये विद्वान गावाल्गण नामक सूत के पुत्र थे। संजय विनम्र और धार्मिक स्वभाव के व्यक्ति थे। कहा जाता है कि, संजय श्रीकृष्ण के परमभक्त थे। संजय सदैव महाराज धृतराष्ट्र को सलाह मशवरा देते रहते थे और समय समय पर धृतराष्ट्र पुत्रों के अनैतिक कार्यों के प्रति सचेत करते रहते थे।  संजय सत्य के पक्षधर थे। 

संजय को श्रीकृष्ण द्वैपायन व्यास द्वारा दिव्य दृष्टि का वरदान प्राप्त था।  संजय ने सम्पूर्ण महाभारत युद्ध को स्वंय अपनी दिव्य दृष्टि से देखा था और महाराज धृतराष्ट्र को सम्पूर्ण युद्ध वृतांत कह सुनाया था। 

श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए श्रीमद्भागवत गीता का उपदेश भी संजय ने स्वयं श्रवण किया था। संजय ने अपनी दिव्य दृष्टि से श्रीकृष्ण के विराट स्वरुप का भी दर्शन किया था।

महाभारत युद्ध के पश्चात संजय युधिष्ठिर के राज्य में निवास करते थे। धृतराष्ट्र, गांधारी तथा कुन्ती के साथ इन्होंने भी सन्यास धर्म को ग्रहण कर लिया था।  पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार धृतराष्ट्र की मृत्यु के पश्चात संजय हिमालय की ओर चले गए थे।

लेखन : मिनी

 

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