बात जब महाभारत कालीन पात्रों की हो तो इसमें धृतराष्ट्र का नाम न शामिल हो भला ऐसा संभव हो सकता है क्या ?। धृतराष्ट्र राजा शांतनु तथा सत्यवती के प्रपौत्र थे। इनके पिता विचित्रवीर्य तथा माता अम्बिका थी। वेदव्यास के वरदान स्वरूप धृतराष्ट्र का जन्म हुआ था, जो कि जन्मान्ध थे।
इनके जन्मान्ध होने की वजह से ही विदुर की सलाह पर धृतराष्ट्र के छोटे भाई पाण्डु को उत्तराधिकारी बनाया। लेकिन पाण्डु की मृत्यु के पश्चात धृतराष्ट्र को राजगद्दी मिली।
धृतराष्ट्र का विवाह गांधार राज की कन्या गांधारी से सम्पन्न हुआ जिन्हें सौ पुत्रों की माता होने का वरदान प्राप्त था। धृतराष्ट्र के सौ पुत्र थे पर अफसोस उन सभी को धर्म और नीति का तनिक भी ज्ञान न था।
धृतराष्ट्र ने भी अपने भतीजों के साथ कभी भी मधुरता का व्यवहार नहीं किया था। महाभारत युद्ध में धृतराष्ट्र का अतुलनीय योगदान था। जीवन के अंत में वानप्रस्थ ग्रहण कर गृह त्याग दिया।
लेखन : मिनी
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