Saturday, January 30, 2021

भीम कौन थे?

परम शक्तिशाली, वीर योद्धा, जिसके बाहुओं में सहस्त्र बल था।  जिसने नर्मदा नदी के प्रवाह तक को रोक लिया था। जिसने हिडिंब जैसे शक्तिशाली राक्षस का वध किया।  वह कोई और नहीं पाण्डु पुत्र भीम ही थे।  भीम महाराज पाण्डु तथा माता कुन्ती के पुत्र थे जो महाभारत काल के परम शक्तिशाली योद्धाओं में गिने जाते थे। पवन देव का आह्वान करके माता कुन्ती ने इन्हें प्राप्त किया था। ये युधिष्ठिर के कनिष्ठ भ्राता थे। वरदान स्वरूप इनकी भुजाओं में दस हजार हाथियों का बल था। भीमसेन ने ही राक्षस हिडिंब के उत्पात को खत्म कर उसे चिर निंद्रा में सुला दिया था। इसके पश्चात हिडिंब की बहन हिडिम्बा से भीम का विवाह सम्पन्न हुआ था।  भीमसेन को हिडिम्बा से एक शक्तिशाली पुत्र की प्राप्ति हुई थी जिसको घटोत्कच के नाम से जाना जाता है। भीमसेन ने अभिमानी जरासंध का भी वध किया था। उन्होंने अकेले ही धृतराष्ट्र के सहस्त्र पुत्रों को मृत्यु लोक तक पहुंचा दिया था। भीमसेन ने दुष्ट कीचक को भी उसके कुकर्मों की सजा दी। बचपन में ही एक बार ईर्ष्यावश शकुनि के षड्यंत्र में दुर्योधन ने भीम को विष देकर नदी में फेंक दिया था। भीम जल में बह कर नागलोक पहुंच गये।  वहाँ नागों के डसने से उनका विष उतर गया। मूर्छा हटने पर भीम ने नागों पर प्रहार कर दिया। वासुकी तथा नागराज आर्यक (जो कि भीम के नाना के नाना थे) ने भीम को पहचान लिया और प्रसन्न होकर भीम को कुण्डों (आठ कुण्ड) का जल पीने को दिया। इतिहास भीम को वृकोदर आदि नाम से भी पुकारता है। कहते हैं कि भीम के पेट में वृक नामक अग्नि थी। जिससे कारण उन पर विष वगैरह का कोई असर नहीं होता इसी कारण वह वृकोदर कहलाये।

लेखन :मिनी

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