Thursday, November 19, 2020

श्रीमद भागवत गीता के श्लोक पेज - 2

 श्रीमद भागवत गीता के श्लोक पेज - 2 

नियतं कुरु कर्म त्‍वं कर्म ज्यायो हि अकर्मण:| शरीर यात्रापि च ते न प्रसिद्धयेत् अकर्मण: ||3.8||
श्रीमद भागवत गीता के श्लोक पेज - 1  श्रीमद भागवत गीता के श्लोक पेज - 2 

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