जीवन परिचय - अनुपम मिश्र
Hindu religious vedic vichar manch in Hindi
Thursday, November 26, 2020
Monday, November 23, 2020
स्वामी विवेकानंद जी के अमृत वचन
स्वामी विवेकानंद जी के अमृत वचन :-
मुझे हिन्दू होने का गर्व है।एक सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
देशवासियों को कर्तव्य की याद दिलाते उद्घोषणा मे दिये गए वचन
स्वामी विवेकानंद जी के अमृत वचन -- सबसे बड़ा धर्म है, अपने स्वभाव के प्रति, सच्चे होना,स्वयं पर. विश्वास करो स्वामी विवेकानंद जी के अमृत वचन -- अपनी मदद स्वयं करो तुम्हारी मदद कोई और नहीं कर सकता, तुम खुद के सबसे बड़े दुश्मन हो, और खुद के सबसे अच्छे दोस्त भी .....
स्वामी विवेकानंद जी के अमृत वचन -- अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है
लुढ़कते पत्थर में काई नहीं लगती वास्तव में वे धन्य है जो शुरू से ही जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लेते है. जीवन की संध्या होते होते उन्हें बड़ा संतोष मिलता है कि उन्होंने निरूद्देश्य जीवन नहीं जिया तथा लक्ष्य खोजने में अपना समय नहीं गवाया. जीवन उस तीर की तरह होना चाहिए जो लक्ष्य पर सीधा लगता है और निशाना व्यर्थ नहीं जाता।
Saturday, November 21, 2020
Friday, November 20, 2020
महाभारत के प्रसंग
महाभारत के प्रसंग :---
----------------------------------------------------------------------- क्यों द्रौपदी ने भीष्मपितामह का परिहास उड़ाया ?Thursday, November 19, 2020
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कथा वाचको की सूची
Ashok Krishna ji Maharaj , mob 9717462785 Dr. Ramesh Sharma, mob 9999085680 Pt. Sharad Kumar Gaur, Mob 9910672418 Subodh Shastri, Sandeep Pandey, Ayodhaya, mob 8840110282 Pawan ji Maharaj, Mathura, mob 8447084962भजन लेखक
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Mahesh Mahi, Delhi, Mob 7011106413 Ruby Garg, H-1, Model Town, Delhi - 110009, Mob 9717612115कबीर वाणी
कबीर वाणी
हमारे जीवन जीने का उद्देश्य क्या हो ? राम का नाम ना लेने वाले क्या अगले जन्म मे सूअर बनगे ?श्रीमद भागवत गीता के श्लोक पेज - 2
श्रीमद भागवत गीता के श्लोक पेज - 2
नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो हि अकर्मण:| शरीर यात्रापि च ते न प्रसिद्धयेत् अकर्मण: ||3.8||श्रीमद भागवत गीता के श्लोक पेज - 1 श्रीमद भागवत गीता के श्लोक पेज - 2
तुलसीदास जी की चौपईया
महा कलयुग के इस दौर मे अपनी परशानियो से मुक्ति पाने के लिये ईश्वर का स्मरण करे।
तुलसीदास जी कहते हैं,- बड़ी परेशानी के समय आपको ये सात गुण बचायेंगे
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